एक ख्याल
तेरी दी हर सौगात दिल में संभाल रखी है
अपने हिस्से की मुहब्बत हमने पाल रखी है
मौत से यूं तो कई बार हुई नजदीकी मुलाकात
न जाने किस उम्मीद पर मौत भी टाल रखी है
1 comment:
Udan Tashtari
December 1, 2010 at 11:50 AM
बहुत खूब!
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