एक ख्याल

बेरंग जिन्दगी से तो खूने जिगर बेहतर है
लिख कोई दास्तां गर तूने यह हादसा देखा


कई जख्म दिये अपनों ने,  इस जमाने ने
न लेकिन कातिल कोई हमने आपसा देखा

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