गजल

तुम तो चले गये बहुत से अफसाने छोड कर
चलो यादोँ ने तुम्हारी साथ मेरा निभा दिया

समझा था जिन्दगी चलती है सीधी राह पर
अच्छा हुआ तुमने मुझे  आईना दिखा दिया

बहुत देर तलक रहा तुम्हारे आने का इंतजार
फिर तुम खुश दिखे तो सब कुछ भुला दिया

अब मैँ माँगता भी तो क्या देने वाले से और
वो गैर भी तो नही था जिसने मुझे दगा दिया

बस ये साँसेँ ही नहीँ छोडती मुफलिसी मेँ साथ
साँसोँ का कर्ज था जिसने है जीना सिखा दिया

मोहिन्दर कुमार

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