tag:blogger.com,1999:blog-4948305867136748138.post3658064946306202520..comments2024-03-28T23:41:26.566+05:30Comments on दिल का दर्पण: जिन्दगी और ख्वाबMohinder56http://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4948305867136748138.post-72442793643355086422008-11-27T15:01:00.000+05:302008-11-27T15:01:00.000+05:30हर पल यहां अजनबी सा एक पर्दा कियेऐ वक्त सलाम तुझे ...हर पल यहां अजनबी सा एक पर्दा किये<BR/>ऐ वक्त सलाम तुझे तेरा कोई जबाब नहीं<BR/><BR/>कांटों की उमर यहां गुलों से लम्बी बहुत<BR/>देर तक देख लो कहीं खिलता गुलाब नहीं<BR/>waah bahut hi badhiya badhaimehekhttps://www.blogger.com/profile/16379463848117663000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4948305867136748138.post-1865774120446277992008-11-27T14:42:00.000+05:302008-11-27T14:42:00.000+05:30कांटों की उमर यहां गुलों से लम्बी बहुतदूर तक देख ...कांटों की उमर यहां गुलों से लम्बी बहुत<BR/>दूर तक देख लो कहीं खिलता गुलाब नहीं<BR/><BR/>बहुत बढ़िया कहा आपने इस गजल मेंरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4948305867136748138.post-42623789223842656392008-11-27T14:23:00.000+05:302008-11-27T14:23:00.000+05:30बढ़िया गज़ल है। खासकर कांटो की उमर वाला शेर...बढ़िया गज़ल है। खासकर कांटो की उमर वाला शेर...तरूश्री शर्माhttps://www.blogger.com/profile/14633011423481155460noreply@blogger.com