इन्जेक्शन लगा कर निकाला गया दूध और सेहत
आजकल डेयरी वाले ज्यादा मुनाफ़े के चक्कर में अपने दुधारू पशुओं को आक्सीटोसिन का इन्जेकशन लगा कर अधिक दूध पाने की जुगत में लगे हुये हैं.. वह नहीं जानते कि इससे क्या क्या नुकसान हो सकते हैं. इन्जेक्शन लगा कर निकाले गये दूध को पीने से बच्चे जल्दी व्यस्क हो जाते हैं अर्थात कम आये में ही बच्चे बडों की तरह दिखने लगते हैं.. यह हार्मोन में इम्बेलेन्स की बजह से होता है जिसका मूल कारण आक्सीटोसिन ही है.
दुधारू पशुओं को बडी बेरहमी से आक्सीटोसिन का इन्जेक्शन लगाया जाता है. इसके हार्मोन की थोडी सी मात्रा बिद्युतीय संवेदना द्वारा जानवरों मे असहनीय पीडा पैदा करती है जिससे दुधारू पशु के थन में दूध तुरन्त उतर आता है. इस इन्जेकशन के इस्तेमाल से जानवरों का सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम बिगड जाता है साथ ही वे बांझपन के शिकार हो जाते हैं. इतना ही नहीं इस इन्जेक्शन के इस्तेमाल से दुधारू पशु समय से गर्भधारण करने में भी सक्षम नहीं रहते.
पोस्टीरियर पेट्यूटरी हाएपोथेल्मिक न्यूरान्स द्वारा वासोप्रेसी हर्मोन बनता है जो पोस्टीरियर पेट्यूटरी गलेन्डस में एकत्र रहता है. यह मादा शरीर में बनता है और यह हार्मोन गर्भधारण प्रक्रिया के दौरान यूटेरस मे संकुचन पैदा करने और बच्चेदानी का मुंह खोलने मे सहायक होता है. मादा में दूध उतरते समय संवेदना से यह सवत: श्रावित होकर कार्य करने लगता है. मगर इसके इन्जेक्शन द्वारा लोग इसका बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं.
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3 comments:
कुछ क्षणिक लाभ के लिए अज्ञानी मानव जाति और पशुओं का जो नुकसान कर रहे हैं वो अक्षम्य है.
भगवान् इनको सुबुद्धि दे.
gyanwardhak jankari di aapne.par kiya kya ja sakta hai.aajkal log sirf apna faida dekhte hain
यह तो एक नई जानकारी है हमारे लिए. किन्तु है तो अफसोसजनक.
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