पल छिन
घंटे, दिन, सप्ताह
माह, छिमाही
मिलन, आनन्द
दुख आंतक जुदाई
परोस सिमट गया
वर्ष २००७
अन्य वर्षों की तरह
भूतकाल का अंश बन
फ़िर से पूर्व में
नव किरण पसर रही
नव वर्ष का आवाहन लिये
शिशु २००८ किलक रहा
फ़ूल, वन्दनवार बन
प्रथम पृष्ठ समाचार बन
मिलते हाथों में गर्मी
आंखों में प्यार बन
है यही ईश्वर से गुहार मेरी
पूरे हों संकल्प सब
जो कर रही हैं टोलियां
गूंजा करे यूंहीं ज्यूं आज
गूंजती हैं प्यार की यह बोलियां
आस में रंग भरते रहें और
कल्पना का विस्तार हो
हर कोई लगे अपना ही सा
हर दिल में भरा प्यार हो
नव वर्ष मंगलमय हो
हर पल आशानुसार हो
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