एक ख्याल

बेरंग जिन्दगी से तो खूने जिगर बेहतर है
लिख कोई दास्तां गर तूने यह हादसा देखा


कई जख्म दिये अपनों ने,  इस जमाने ने
न लेकिन कातिल कोई हमने आपसा देखा

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

वाह जी दोनो शेर बहुत खुब, धन्यवाद

निर्मला कपिला said...

बहुत खूब। बधाई।