रिश्तों की हद मियाद

साथ जीने का हुनर जिसे आता है
साथ मरने की कसम कब खाता है
रिश्तों की हद मियाद इस जमीं तक
कौन कब किस के साथ जाता है

6 comments:

  1. वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।

    ReplyDelete
  2. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (24-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

    ReplyDelete
  3. बहुत सार्थक कथन..

    ReplyDelete
  4. कौन कब किसके साथ जाता है.... कटु सत्य ...
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  5. सरल और स्पष्ट रचना

    ReplyDelete