दूर से हर मंजर दिलकश नजर आता है..

दूर से हर मंजर दिलकश नजर आता है..

धीरे धीरे इधर रात निगलती है उजाला दिन का
उधर देखने वालों को डूबता सूरज भी लुभाता है

दूर से हर मंजर दिलकश नजर आता है..

दिन रात तपाती है सूरज की कडी धूप उसको
जो चांद हमको बर्फ़ का गोला सा नजर आता है

दूर से हर मंजर दिलकश नजर आता है..

3 comments:

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर भाव...सुन्दर रचना

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

सुन्दर भाव,,,अच्छी रचना

Udan Tashtari said...

वाह! बेहतरीन भाई...