है मेरा कसूर


ये बेबसी है मेरी
इसमें तेरा क्या कसूर
खूशियां नहीं बनी हैं
हर इन्सान के लिऐ

आता नही है पराई खुशी बांटना मुझे
हां हाजिर हूं तुझसे पहले हर इल्जाम के लिऐ
ऐसे निभाई उसकी खुशी अपने गम के साथ
आंसू अपने पी गया मैं
मेहमान के लिऐ

जो पा गऐ मंजिलें
वो कुछ ओर लोग थे
उठा नहीं हाथ मेरा
कभी ईनाम के लिऐ

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