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इसलिये कट गयी
मेरे अरमानों की पतंग
मेरी उम्मीद से ऊंची
तेरी तमन्ना की उडान थी
ढील देनी थी मुझे
मैं तनके लगाता रहा
इसलिये कट गयी
मेरे अरमानों की पतंग
तुझे पसन्द थे
लेटेस्ट रिमिक्स
मैं ओल्ड हिट सुनाता रहा
इसलिये कट गयी
मेरे अरमानों की पतंग
फाईव स्टार होटल
तेरा ऐम था
मै लोकल ढाबे के
चक्कर लगवाता रहा
इसलिये कट गयी
मेरे अरमानों की पतंग
रकीब दे गया उसे
हीरे का नेकलस
मैं खाली फूलों से
काम चलाता रहा
इसलिये कट गयी
मेरे अरमानों की पतंग
मोहिन्दर
2 comments:
बहुत ख़ूब ..लिखा है आपने [:)]
ऐसा भी होता मोहिन्दर जी जहाँ पैसे की चाह होती पर सच्ची चाहत इन चीजों को नहीं दिल को देखती है। क्यों सही कहा ना?
:)
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