यादों के झुरमुट


यादों के झुरमुट से कोइ
इक याद पुरानी याद आयी
फिर जख्म पुराने रिसने लगे
वो चोटिल जवानी याद आयी

मैं बरसों में भूला जिसको
फिर गीत वही छेडा तुमने
राहों के दर्द नाकाफी रहे
मंजिल की वीरानी याद आयी

तुम मेरे हो
कभी ऐसा तो न था
बेताब तमन्ना जो कभी दिल में थी
अधूरी सी दीवानी याद आयी

ये मेरे हिर्सो-ख्वाब सही
हैं जीने के अब असबाब यही
जब भी कभी झांका दिल में
वक्ते-रवानी याद आयी

मोहिन्दर

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