जब मैंने चिट्ठा जगत में प्रवेश किया तब मुझे यह ज्ञात न था कि यहां भी परीक्षा देनी होगी.. वैसे गृहस्त जीवन में रोज एक नई परीक्षा सामने होती है अता अब परीक्षा से डर नहीं लगता बस डरता हूं तो परीक्षा फल से.
प्रश्न १ आपको गीत, कविता, कहानी, लेख इनमें से क्या अधिक पसन्द है ?
उत्तर: मुझे गीत, कविता, कहानी व लेख सब पसन्द हैं यदि वह चिग्गम की तरह अधिक खिचने वाले न हों, सामायिक हों एंव कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक छाप छोड सकें.
प्रश्न २ क्या आपको सपने याद रहते हैं ? कोई दिलचस्प सपना सुनाइये । यदि याद नहीं तो कैसा देखना पसन्द करेंगे ?
उत्तर जी बहुत से सपने आते हैं मुझे.. कुछ भूल जाता हूं कुछ याद भी रह्ते हैं. दिलचस्प सपना जो मुझे याद है वह बचपन का सपना है जिसमें रात को सपने में बहुत से पैसे मिलते थे.. मैं इक्ट्ठा करता रहता मगर जब आंख खुलती तब ठनठनगोपाल...
"सपने में जो बाग लगाये..आंख खुली तो वीराने थे.. हम भी कितने दीवाने थे"
प्रश्न ३ :क्या कभी कोई चिट्ठा आपको ऐसा लगा कि यह तो मेरे मन के भाव कह रहा है ? कौनसा?
उत्तर: कठिन प्रश्न है परन्तु छूट का प्रावधान नही इस कारण उत्तर तो देना ही होगा..सब चिट्ठों में कुछ न कुछ विशेष होता है.. जैसे हंस सागर में से मोती चुन लेता है हम भी अपने काम की बात चुन कर मन में बिठा लेते हैं और कोशिश रहती है कि कहीं न कहीं वह हमारी रचना या जीवन में झलके.
प्रश्न ४ जीवन का कोई मर्म स्पर्शी पल जो भूले नहीं भूलता ?
उत्तर :अपने चारों और यदि खुली आंखो से देखे तो शायद इस के सिवा कुछ नही..परन्तु एक पल मुझे याद है जब मै बस में जा रहा था साथ ही एक साइकल सवार अपने चार पांच साल के बच्चे को आगे डंडे पर बिठा कर बस के साथ साथ चल रहा था.. अचानक न जाने क्या हुआ और बच्चा नीचे गिर पडा और बस के पिछले टायर के नीचे उस का सिर कुचल गया..बाकी शरीर पर कही खरोंच भी न थी. मैंने जब उस व्यकित की गोद में उस मृत बालक को देखा तो मन अन्दर तक रो पडा.. आज भी जब वह क्षण याद आता है.. आंख भर आती है.
प्रश्न ५ आपके जीवन का दर्शन (philosophy) क्या है ?
उत्तर जियो और जीने दो... हम किसी प्रकार का परिवर्तन यदि ला सकते हैं तो वह है अपने आप में..दुनिया को बदलने का सपना मुर्खता होगी
3 comments:
धन्यवाद मोहिन्दर कुमार जी । आप जितना संक्षिप्त में लिखते हैं वह काबिले तारीफ है ।
घुघूती बासूती
मोहिन्दर जी,
सवालों के जवाब बहुत सरल रुप मे दिया है…
शब्दों की यही सरलता आपके जीवन में बनी
रहे आशा हैं…क्योंकि आपके आपने शब्द ही जीवन
पद्धति के प्रतिबिम्ब होते हैं!!!
होली की बहुत-2 शुभकामनायें.
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