जीवन और कठिनाईयां

तीन पानी से भरे बर्तन आग पर रखिये

पहले बर्तन में गाजरें, दूसरे में अंडे और तीसरे में पिसी हुई कौफ़ी बीन्स डालिये

पन्द्रह मिनट तक तीनो बर्तनों के पानी को खौलने दीजिये.. और फ़िर उनमें डाली गई वस्तुओं को ध्यान से देखिये.. क्या अन्तर दिखता है.
सख्त गाजरें नरम हो गई हैं..... अन्दर से जो अंडे नर्म थे अब सख्त हो गये हैं.. कौफ़ी बीन्स के पाऊडर का पता नही हैं..हां पानी का रंग और खुशबू बदल गई है.
अब जीवन के बारे में सोचिये..जीवन सदा आसान नहीं है... कभी कभी बहुत दुखद भी है. सदा घटनायें उस तरह से नहीं घटती जैसे हम चाहते हैं.. कई बार बहुत मेहनत करने पर भी वैसा परिणाम नहीं निकलता जैसा हम चाहते हैं..क्या होता है जब जीवन में कठिनाईयों का सामना करना पडता है?
अब उन तीन पानी से भरे वर्तनों के बारे में सोचे.... उबलता हुआ पानी...जीवन की कठिनाईयॊं के समान है.

हम गाजर हो सकते हैं




हम जल्दी थक जाते हैं, आशा छोड देते हैं और सब कुछ खत्म हुआ समझने लगते हैं. हमारी प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती है.. हम हार जाते हैं..

हमें गाजर नहीं बनना.

हम अंडों की तरह से बन सकते हैं..



आरम्भ में एक कोमल दिल लिये और धीरे धीरे सख्त और भावना रहित.

हम दूसरों से नफ़रत करते हैं और स्वंय को भी पसन्द नहीं करते.
हमारे दिल पत्थर हो गये हैं.. भीतर कोई नर्म अहसास नहीं है सिर्फ़ कडवाहट है

हमें अंडों की तरह नहीं बनना चाहिये

हम कौफ़ी बीन्स बन सकते हैं
पानी ने कौफ़ी बीन्स को नहीं बदला... कौफ़ी बीन्स ने पानी का स्वरूप बदल दिया है

पानी का रंग रूप बदल गया है
इसे देखिये
इसे सूंघिये
इसे पीजिये

जितना ज्यादा गर्म पानी उतना बेहतर स्वाद




हमें कौफ़ी बीन्स की तरह से बनना चाहिये.
कठिनाई झेलते हुये भी हम कुछ रचनात्मक कर सकते हैं, अपनी क्षमता और कार्यकुशलता को बढा सकते हैं,



कुछ नया कर सकते हैं और अपने आस पास को और बेहतर बना सकते हैं.


सफ़लता प्राप्त करने के लिये कुछ बाते जरूरी हैं ..
जो हम कर रहे हैं हम उस पर विश्वास रखें..
प्रयत्न न छोडें
सहनशील रहें
कार्य लग्न से करें


कठिनाईयां हमें कोमल से सख्त और अच्छे से उत्कर्ष्ठ बनने का मौका देती हैं



जब हम कठिनाई में होते हैं तो हम किस तरह के बन जाते हैं ?





क्या हम गाजर की तरह हैं ?
या अंडों की तरह हैं ?
या कौफ़ी बीन्स की तरह हैं ?


कौफ़ी बीन्स की तरह बनिये

6 comments:

Udan Tashtari said...

वाह, बड़े ही रोचक अंदाज में सीख दे डाली जीवन के रहस्य की. आभार.

सुनीता शानू said...

अरे वाह मोहिन्दर भाई गज़ब का ढंग है जीवन को सुधारने का...मगर अच्छा लगा इस तरीके से तो बड़े क्या बच्चे भी समझ जायेंगे...:)

सुनीता(शानू)

अनिल रघुराज said...

जीवन के ज्ञान सूत्र का बड़ा ही रोचक तरीका निकाला है आपने।

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिआ ढंग से प्रस्तुति की है।बधाई।

बालकिशन said...

बेहतरीन प्रस्तुति! आप ने इतनी अच्छी बात बेहद सुद्नर ढंग से बताई. असल मे अच्छाई सब मे होती है पर वो मन के भीतर कंही दब जाती है. इस ढंग की प्रस्तुतियां उन्हें वापस सतह पर ले आती है. आपको बहुत धन्यबाद.

ghughutibasuti said...

बहुत सुन्दर व अनूठा ढंग व नजरिया उपयोग किया है आपने यह गूढ़ बात समझाने में । वैसे हाल्फ बॉइल्ड भी बन सकते हैं, ऊपर से सख्त अंदर से नर्म व पिघलते हुए ।
घुघूती बासूती