आपका पेराशूट कौन पैक करता है



चार्लस प्लंब अमरीकी नौसेना में एक पायलट था और वियतनाम की लडाई में हिस्सा ले रहा था. 75 मिशन सफ़लता से पूरे करने के उपरान्त उसका जेट जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाईल की चपेट में आ कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. भाग्यवश प्लंब समय से पेराशूट से नीचे कूद कर बच गया परन्तु दुश्मनों के कब्जे में आ गया. उसे बन्दी बना लिया गया और छ: बर्ष उसे कम्यूनिस्ट वियतनामी जेल में काटने पडे. बाद में उसे छोड दिया गया और वह एक लेक्चर्रर बन कर अपने अनुभव लोगों से बांटने लगा.


एक दिन चार्लस प्लंब अपनी पत्नी के साथ एक रेस्तरां में बैठा हुआ था तभी दूसरे टेबल पर बैठा हुआ व्यक्ति उनके पास आया और बोला, " आप शायद चार्लस प्लंब हैं जो लडाकू जेट उडाते थे और आपके विमान को मिसाईल से मार गिराया गया था".

प्लंब बोला, "जी, लेकिन यह सब आप कैसे जानते हैं "?

वह आदमी बोला... मैं पेराशूट पैक करता हूं... आपका पेराशूट मैने ही पैक किया था.. उसने ठीक समय पर काम किया न ?

प्लंब जो आभारी होने के साथ साथ हैरान भी था बोला, "अगर उस दिन पेराशूट काम न करता तो मैं आज इस जगह आपके सामने न होता".

प्लंब उस रात सो न सका और उस व्यक्ति के बारे में सोचता रहा कि वह कितनी बार उससे मिला होगा मगर कभी उससे दुआ सलाम न कि होगी क्योंकि में एक पायलट था और वह सिर्फ़ एक सेलर. फ़िर वह सोचने लगा कि कैसे एक एक धागा तन्मयता से मोड कर उसने पराशूट को करीने से पैक किया होगा.. यह सोचते हुये कि हर धागा किसी के जीवन और मौत से जुडा है..उसने अपनी पूरी कुशलता लगा दी होगी... उस आदमी के जीवन के लिये जिसे उस घडी शायद वह जानता भी नहीं.

उस दिन के बाद प्लंब अपने लेक्चर के श्रोताओं से एक सवाल करने लगा.... कि आपका पेराशूट कौन पैक करता है ?

हर व्यक्ति के जीवन में हर घडी कोई न कोई ऐसा होता है जो उसकी जरूरत से जुडा होता है और उसके लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है

जब प्लंब के जेट से मिसाईल टकरायी उस समय उसे.... शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक पेराशूट की आवश्यकता थी.

जिन्दगी की भाग दौड में हम अकसर कई महत्वपूर्ण बातें भूल जाते हैं... धन्यवाद, शुभकामनायें, आशीर्वाद और अन्य कई छोटे छोटे शब्द जिनका वैसे कोई मोल नही परन्तु जो किसी के लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण हो सकते हैं हम नहीं कहते.

हमारा एक शब्द किसी के लिये उसके अस्तित्व का बोध हो सकता है... उसकी क्षमता का प्रमाण हो सकता है जो शायद उसकी जिन्दगी बदल दे. जीवन में हर वह व्यक्ति जो हमारे सम्पर्क में आता है हमारे लिये महत्वपूर्ण है चाहे उसका व्यक्तित्व कितना भी गौण क्यों न हो.

हमारे शब्द ही हमारी जीवन शैली और हमारी महानता के प्रतीक है.. और शायद ईश्वर का प्रतिनिधित्व भी करते है.
प्रोत्साहन प्रत्येक व्यक्ति में से सर्वोतम चेष्टा को जन्म दे सकता है...
बीतते दिनों, सप्ताहों, महीनों और सालों में आप उन लोगों को पहचाननें की चेष्टा करें जो आपका पेराशूट पैक करते हैं

(मुझे यह मैस्ज एक ईमेल से प्राप्त हुआ था जो पावर पोंईट प्रेजन्टेशन की शक्ल में अंग्रेजी में था... मैने इसे हिन्दी में परोसने की कोशिश की है. इस के मूल के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है)

2 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत ही बेहतरीन संदेश.

प्रोत्साहन प्रत्येक व्यक्ति में से सर्वोतम चेष्टा को जन्म दे सकता है...

अच्छा लगा पढ़कर.

उन्मुक्त said...

पढ़ कर अच्छा लगा।