मैं, रसोई और पंगा कटलेट

वैसे तो रसोई घर पर हमारी श्रीमति जी का एकछ्त्र अधिकार है परन्तु गाहे बगाहे हम भी उनके साथ खडे हो कर कोई न कोई पंगा लेते ही रहते हैं. अभी हाल में ही एक दिन बच्चों की फ़रमाईश पर श्रीमति जी ने गाजर, चुकुन्दर और अदरक का जूस निकाला. हजूर गाजर का जूस निकालने के लिये खूब मेहनत करनी पडती है. पहले लाल लाल गाजर चुनो, उसे छीलो और फ़िर पानी में भिगो के रखो ताकी रस ज्यादा निकले. जब रस निकलाने बेठो तो रस तो कम निकलता है मगर फ़ोक बहुत सा होता है. .. ज्यादातर सीधा डस्टबिन में चला जाता है. चूंकि उस दिन हम रसोई घर में विराजमान थे सो हमने पंगा ले लिया और कहा कि इस फ़ोक का हम कुछ इस्तमाल करेंगें और किया भी जनाब. उस फ़ोक से बनाये हमनें बेज कटलेट.... आप भी ट्राई कर सकते हैं.

विधी बहुत ही आसान है और रिजल्ट एकदम चौखा..

सामाग्री:

१. गाजर का जूस निकालने के बाद बचा फ़ोक
२. थोडा सा बेसन
३. स्वादानुसार नमक, मिर्च, कटा हुआ हरा धनिया
४. थोडा सा बारीक कटा हुआ प्याज या उसका पेस्ट

गाजर, चुकुन्दर और अदरक का रस निकालने के बाद बचे हुए फ़ोक में थोडा सा बेसन मिलायें जोकि फ़ोक को बांधने का काम करें... बेसन न हो तो चने की दाल को भिगो कर या पीस कर काम चलाया जा सकता है. सब घटकों को एक साथ मिला कर चकले पर रोटी थामने लायक बना लें और थाप कर थोडी मोटी रोटी का रूप दे दें. फ़िर चाहें तो चाकू या किसी गिलास या कटोरी से कटलेट के आकार में उस रोटी को काट लें. तिकोना, गोल, चोकोर कोई भी आकार चलेगा.... स्वाद तो कटलेट का होगा न कि आकार का.

तेज गर्म तेल में तलें और गर्म गर्म कटलेट सौस और चाय के साथ परोसें..
सच कहूं इस पंगा कटलेट को बना कर आप आम के आम और गुठलियों के दाम बसूल कर लेंगे.

3 comments:

CG said...

बचपन में मेरी नानी इसी फ़ोक का कुछ बना के मुझे खिला देती थीं जिसे वो हलवा कहती थीं, और मैं गजरभत्त (पता नहीं ये कौन सी डिश है, बस नाम सुना है)

तीन-चार बार मन मसोस के खाया गजरभत्त फिर नानी को कभी जूस न बनाने की धमकी दी. उसके बाद नानी ने उसकी रोटियां बनाकर आस पास के कुत्तों को खिलाना शुरु किया, लेकिन मैं बच गया.

रंजू भाटिया said...

वाह !!!आप तो पक्के रसोइए हैं ..बहुत स्वाद बने होंगे यह कटलेट .हम कब आए खाने :)

राज भाटिय़ा said...

मोहिन्द्र जी हम ने आप का लेख रसोई बिभाग को भेज दिया हे,देखो कब फ़ाईल वापिस आती हे,क्योकी हमे वहां किसी भी वस्तु को हाथ लगते डर लगता हे,रिपोट आने पर आप कॊ टिपण्णी भेज दे.