दुआ बर न आयी

हम भी वहीं थे
वो भी वहीं थे
यह बात और है
मुलाकात हो न पायी

दिल में सोचा जो था
वो हमसे कहा न गया
हुए यूं तो चर्चे दुनिया भर के
बस बात हो न पायी

यादों के छाये थे बादल घनेरे
सांसों मे उठ रही आंधियां थी
यह बात और है
बरसात हो न पायी

दूर तक मौसमों ने पीछा किया
देर तक सजदे होते रहे
यह बात और है
दुआ बर न आयी

2 comments:

रंजू भाटिया said...

दिल में सोचा जो था
वो हमसे कहा न गया
हुए यूं तो चर्चे दुनिया भर के
बस बात हो न पायी

सुंदर ..लगी यह भी

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया..आजकल कम लिख रहे हैं?