शब्दों का सब खेल है
शब्द प्राण हैं
शब्द बाण हैं
कुछ सहलाते
कुछ गहरे गढ जाते
शब्दों का सब खेल है
शब्द ही आकर्षण
शब्द गुलेल हैं
शब्द प्रेम बंधन
शब्द तिरस्कार हैं
शब्दों का सब खेल है
शब्द सुमन हैं
शब्द भार हैं
शब्द बांध हैं
शब्द ही प्रसार है
शब्दों का सब खेल है
सांस के रिश्ते
आस के रिश्ते
शब्दों के पुल से
मंजिल पाते हैं
या फ़िर ढह जाते हैं
शब्दों का सब खेल है
5 comments:
शब्द प्राण हैं
शब्द बाण हैं
कुछ सहलाते
कुछ गहरे गढ जाते
शब्दों का सब खेल है
सही कहा शब्द दिलो दिमाग पर बहुत असर करते हैं
कम शब्दों में आपने भी सब लिख डाला है...
शब्द बडे मायावी से हैं। सही कहा आपने ,शब्दों का ही खेल है। पराये भी अपने बन जाते हैं और अपने भी पराये।
sir ji
aapki nazm ki kya baat hai ,
shabd hi sab kuch hoten hai
aapki bhasha aur shilp bahut sundar hai ..
bahut badhai
vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/
सचमुच , शब्दों की प्रस्तुति महत्वपूर्ण है | और आपकी शब्दों के बारे में प्रस्तुती महत्वपूर्ण है |
सांस के रिश्ते
आस के रिश्ते
शब्दों के पुल से
मंजिल पाते हैं
या फ़िर ढह जाते हैं
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