पानी, गली का कुत्ता और गरीबी




(सीन - पोश कालौनी में एक आलीशान तीन मंजिला बंगले का ऊंचा सा गेट जिसकी सलाखों के बीच में से एक खूंखार एलसेशियन बाहर का मुआयना कर रहा है.. तभी गली का एक कुत्ता उधर आ निकलता है...दोनों की नजरें मिलती हैं और वार्तालाप होता है.)

एलसेशियन : जल्दी से निकल ले यहां से.. डाग स्कवेड घूम रही है.. मुफ्त में मारा जायेगा.

गली का कुत्ता: डाग स्कवेड, ये क्या बला है भाई ?

एलसेशियन: डाग स्कवेड नही जानता..अरे कुत्ते पकडने वाली ग़ाडी .

गली का कुत्ता: फिर वो तो तुमको भी पकड लेंगे.

एलसेशियन: मेरा टोकन बना हुआ है... अब ये मत पूछना कि टोकन क्या होता है.

गली का कुत्ता: मुझे क्या मालूम .. और जान कर भी क्या करना है..मैं तो पानी की तलाश में निकला था कि अपने ही भाई - बन्धू मेरे पीछे पड गये.. जान बचा कर इधर आ निकला.

एलसेशियन: अच्छा..झोंपड पट्टी से आये हो... शक्ल से ही लग रहा है.. पानी से ही काम चलाते हो या कुछ खाने को भी मिलता है ?

गली का कुत्ता : पहले तो ठीक ठाक चल रहा था.. मगर अब बस्ती में जितने लोग नही हैं उतनी हमारी जनसंख्या हो गयी है..और डाग स्कवेड वाले यहां घूम रहे हैं जहां टोकन वाले हैं. तुम अपनी सुनाओ ?

एलसेशियन: अपनी तो मजे में गुजर रही है..सुवह शाम सैर कराने के लिये नौकर है.. घर पूरा ऐ.सी. है. खाना घर में कम बनता है बाहर से ज्यादा आता है..

गली का कुत्ता: और यहां पानी के भी लाले हैं.. कोई नल भी नजर नही आता..

एलसेशियन: नल के जमाने गये.. अब तो मिनरल वाटर का जमाना है...

गली का कुत्ता: यह क्या होता है?

एलसेशियन: अरे यार तुम्हारी आई क्यू तो बहुत डाऊन है.. बोतल बंद पानी. 12 रुपये लिटर है.

गली का कुत्ता: ओह तभी कूडे वाला रोज रिक्शा भर भर के प्लास्टिक की बोतलें ले जाता है. चलो अच्छा है दुनिया से जल्दी ही गरीबी और आवारा कुत्तों दोनों का सफ़ाया हो जायेगा.

एलसेशियन:वो कैसे भला ?

गली का कुत्ता : पानी ही तो हमें और गरीबों को जिन्दा रखे हुए है .. जब यह नहीं मिलेगा तो जिन्दा कौन बचेगा.

3 comments:

Unknown said...

एक प्रधान समस्या को आपने हास्य के माध्यम से बखूबी उठाया है... इस सुन्दर प्रयास के लिये आभार

राज भाटिय़ा said...

आप की यह कहानी बहुत कुछ कहती है, धन्यवाद
आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

परमजीत सिहँ बाली said...

मोहोन्द्र जी, बहुत जोरदार कहानी है!! आपने बखूबी कहानी के माध्यम से सामयिक समस्या को उठाया है।बधाई।


आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।