जब आप साकारात्मक सोच रखते हैं तब
ध्वनि ..... ........संगीत बन जाती है
चाल......... ....... नृत्य बन जाती है
मुस्कान............ हंसी बन जाती है
और
मास्तिष्क......... चिन्तन, ध्यान व योग बन जाता है
ध्वनि ..... ........संगीत बन जाती है
चाल......... ....... नृत्य बन जाती है
मुस्कान............ हंसी बन जाती है
और
मास्तिष्क......... चिन्तन, ध्यान व योग बन जाता है
16 comments:
सत्य वचन
वाह बेहद उत्तम विचार्।
सही कहा है..
सुंदर विचार जी, धन्यवाद
उत्तम विचार..
dil ko chune wale
bahut aacha vichar....
bahut AACHA vichar
GRET ATTITUDE I LIKE IT
अतिउत्तम विचार
अतिउत्तम विचार
niceeeeeeee
niceeeeeeeeeee
बहुत ही उम्दा बातें कहीं गईं हैं,,,,,
utam vichar
utam vichar
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