टायलेट पेपर रोल और कला

टायलेट पेपर के ख़त्म हो जाने के बाद बचे हुए रोलर का आप क्या करेंगे... बहुत ही बेकार सा प्रश्न लगता है न ?  जाहिर है उत्तर होगा उसे फैंक देंगे. परन्तु जूनियर फ्रित्ज जेकुइत (Junior Fritz Jacquet)  को ऐसा नहीं लगा. उन्होंने उसी फैंके जाने वाली वस्तु से मानवीय चेहरों का निर्माण किया जो आपके सामने है.  आप क्या कहना चाहेंगे ...




5 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत बढ़िया ..

विभूति" said...

good work....

vandana gupta said...

गज़ब कर दिया।

आपकी रचना आज तेताला पर भी है ज़रा इधर भी नज़र घुमाइये
http://tetalaa.blogspot.com/

निर्मला कपिला said...

बहुत बढिया।

Nidhi said...

अद्भुत...