क्या नहीँ है आज यहाँ मेरे लिये
कोई दुआ है फली यहाँ मेरे लिये
हजार दुश्मन तो कोई बात नहीँ
तुम तो मेरे हो ना यहाँ मेरे लिये
बस्ती-ए-ख्वाब से एक बार गुजरा
ठहरना लाजिम अब यहाँ मेरे लिये
महफिल मेँ बस इक तेरे आने से
सब कुछ नया-नया यहाँ मेरे लिये
मुझसे नजरेँ फेरे लेने से पहले ही
बताना क्या सजा है यहाँ मेरे लिये
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