हर घडी न तलाशो नक्शे कदम
कुछ दूर तो अपने दम पर चलो
बोझ से ख्वाहिशोँ के थक जाओगे
दिल मेँ अरमान कम ले कर चलो
गुजरी बातोँ का चर्चा क्योँ हर घडी
झगडे पुराने सभी दफन कर चलो
ठोकरेँ न कहीँ तेरा हौँसला तोड देँ
राहे सफर मेँ ऐसा जतन कर चलो
काफिला मँजिल तक पहुँचायेगा
भूल जाओ न इस वहम पर चलो
1 comment:
bahut achhi lagi!
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