वो जो स्वाल मैं
तुम से न कर सका
मेरा हाल आज खुद
उस का जबाब है
तेरे साथ है सारी कायनात
मेरे साथ मेरा ख्याल है
मैं खुश हूं क्योंकि
खुश है तू
और मेरे रंज से है बेखबर
मेरे ख्वाव की यही ताबीर थी
तेरी यादों से दिल मालामाल है
जाने कितने मुसाफिर राहों में हैं
मंजिल हरएक का मुक्कदर नही
माथे की लकीरों को किसने पढा
जो मिला है बस इन्ही का कमाल है
मोहिन्दर ५.१.२००७
तुम से न कर सका
मेरा हाल आज खुद
उस का जबाब है
तेरे साथ है सारी कायनात
मेरे साथ मेरा ख्याल है
मैं खुश हूं क्योंकि
खुश है तू
और मेरे रंज से है बेखबर
मेरे ख्वाव की यही ताबीर थी
तेरी यादों से दिल मालामाल है
जाने कितने मुसाफिर राहों में हैं
मंजिल हरएक का मुक्कदर नही
माथे की लकीरों को किसने पढा
जो मिला है बस इन्ही का कमाल है
मोहिन्दर ५.१.२००७
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