जिन्दगी




जिन्दगी ने दिये धोखे इतने
मौत पर न एतबार रहा
वो न आया हमसे मिलने
एसा न पहली बार रहा

सब्र का फल मीठा होता है
बरसौ सुनते आये थे
सावन आया फूल भी आये
फल का इन्तजार रहा

इससे मिला वो
उससे मिला वो
सबसे मिला वो खुलकर के
अपना ही बस हाल न पूछा
हमसे ही बस परदेदार रहा

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