मोहिन्दर जी,एक नयी सोच लगती है सागर के खारेपन पर। बहुत ही थोड़े में बहुत कुछ कहती हुई पंक्तियाँ।बधाईयाँ,सादर,मुकेश कुमार तिवारी
कम पंक्तियों में गहरी बात .सुन्दर
sach bahut hi sunder choti lines mein bahut gehri baat,badhai
apnae main samatna valae rotae nahi..
वाह ः)
अरे वाह, क्या बात है। सागर के दिल में भी दर्द हो सकता है, यह सोच पहली बार पढ रहा हूं। बधाई।----------TSALIIM. -SBAI-
mohindar ji , aapki is rachna ne to aankhe nam kar diya ji main ab kya kahun , nishabd hoon aur aapke shabdo ke dekh raha hoon .. dil se badhai saheb.. vijay http://poemsofvijay.blogspot.com
kharaa hai samandar aansuon sekhoob kahi ji
जो खारापन आपने महसूस किया वो उसके आंसुओं का होता है ...वाह...वाह...वाह...बहुत खूब...जी.....!!
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9 comments:
मोहिन्दर जी,
एक नयी सोच लगती है सागर के खारेपन पर। बहुत ही थोड़े में बहुत कुछ कहती हुई पंक्तियाँ।
बधाईयाँ,
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
कम पंक्तियों में गहरी बात .सुन्दर
sach bahut hi sunder choti lines mein bahut gehri baat,badhai
apnae main samatna valae rotae nahi..
वाह ः)
अरे वाह, क्या बात है। सागर के दिल में भी दर्द हो सकता है, यह सोच पहली बार पढ रहा हूं। बधाई।
----------
TSALIIM.
-SBAI-
mohindar ji , aapki is rachna ne to aankhe nam kar diya ji
main ab kya kahun , nishabd hoon aur aapke shabdo ke dekh raha hoon ..
dil se badhai saheb..
vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com
kharaa hai samandar aansuon se
khoob kahi ji
जो खारापन आपने महसूस किया
वो उसके आंसुओं का होता है ...
वाह...वाह...वाह...बहुत खूब...जी.....!!
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