तेरी शरण प्रभू











तेरी शरण प्रभू, तेरी शरण प्रभू
तेरी शरण मैं आया
यह् जग सारा है भवसागर
कर्मबोध भरमाया

तेरी शरण प्रभू, तेरी शरण प्रभू
तेरी शरण मैं आया

ज्ञानी देखे, ध्यानी देखे
पंडित और अभिमानी देखे
रूप, यौवन, माया देखी
साथ में ज़र ज़र काया देखी
जितना देखा यह संसारा
उतना जी उतकाया

तेरी शरण प्रभू, तेरी शरण प्रभू
तेरी शरण मैं आया

आंख जो देखे,वह सब माया
आज जो तेरा, कल है पराया
मेरा मेरा, करते करते, जीवन बीता
अंत समय कुछ काम न आया
करना है जो बस अब कर ले
मानव जीवन ना मिले दोबारा

तेरी शरण प्रभू, तेरी शरण प्रभू
तेरी शरण मैं आया

सच है क्या यह जान ले बन्दे
खुद को तू पहचान ले बन्दे
यह जग चार घडी का मेला
फिर रह जाये हर कोई अकेला
हरी नाम की नाव पर चढले
हो जायेगा पार उतारा

तेरी शरण प्रभू, तेरी शरण प्रभू
तेरी शरण मैं आया
यह् जग सारा है भवसागर
कर्मबोध भरमाया

2 comments:

Anonymous said...

सच्मुच उस की शरण में जाकर ही ये भ्व्सगर पार किया जा सकता है.. बाकी तो सब माया है..बहुत सत्य कहा है आपने..

Dr.Bhawna Kunwar said...

बिल्कुल सही कहा।