धन सफ़लता और प्रेम


सर्दियों की एक शाम
तीन अधेड एक घर के बाहर
आपस में बतिया रहे


घर की माल्किन ने
बाजार से लौटते हुये उन्हें देखा
परन्तु पहचान न पायी
फ़िर भी औपचारिकता निभाई
अन्दर आने का निमन्त्रण दे मुस्करायी

एक बुजुर्ग ने पूछा
घर का मालिक घर में है
ना सुनते ही अन्दर आने में असहमति जतायी
बोला जब मालिक हो हमें बुलाना

घर में पति के आते ही
महिला ने उसे यह घटना कह सुनायी
पति ने उन्हे बुला लाने को कहा
महिला उसी समय बाहर आयी


उन तीनो बुजुर्गो से
अन्दर आने की बात दोहरायी
उनमे से एक बोला
हम एक साथ तीनो अन्दर नही आ पायेंगे
महिला बोली ऐसा क्यों ? क्या बता पायेंगे

एक बोला
"यह धन", "यह सफ़लता" और मै "प्रेम" हूं
अपने पति से पूछिये वो किसे बुलाना चाहते हैं
महिला ने भीतर जा ये बात अपने पति को बतायी
पति प्रसन्न हो बोला.. "धन" को बुला लो
भाग्य खुल जायेगा.... घर धन से भर जायेगा

महिला बोली नही "सफ़लता" को बुला लेते हैं
"सफ़लता" होगी तो "धन" की कमी नही आयेगी
उनकी बेटी जो बडे ध्यान से यह सुन रही थी बोली

"प्रेम" को बुला लो.. प्यार और उमंग से भरे झोली
बेटी का मन रखने की खातिर दोनो हो गये राजी
बाहर जा महिला बोली "प्रेम" ने जीती है बाजी
आप में से जो "प्रेम" है वो हमारा महमान बने
"प्रेंम" उठा घर की और बढा..पीछे पीछे
"धन" और "सफ़लता" भी चल पडे
महिला हैरान थी.. बोली मैने तो केवल "प्रेम" को बुलाया

"धन" बोला अगर तुम मुझे या "सफ़लता" को बुलाती
तब हम बाकी दो लौट जाते
किन्तु तुम ने "प्रेम" को बुलाया है
जहां "प्रेम" रहता है वहां हम दोनों जा सकते हैं
अपने को आराम से वहां रमा सकते हैं
जहां "प्रेम" है वहीं "सफ़लता" और "धन" हैं

7 comments:

Anonymous said...

nice

Udan Tashtari said...

अच्छा सुन्दर संदेश है. प्रेम से बढ़कर कोई धन या सफलता नहीं. सुन्दरता से बात रखने का आभार.

Sajeev said...

वाह सरल शब्दों में जीवन का सार है ये

सुनीता शानू said...

वाह उस्ताद क्या बात है बहुत सुन्दर...जहाँ प्रेम है वहाँ सबकुछ अपने आप आ जाता है...

बहुत अच्छा हास्य-व्यग्यं का समा लगाया है...

मेरे ब्लोग पर अच्छी टिप्पणी दे कर आये प्रभु..:)
तुम तो जो भी लिख दो
बहु जन पढें पढायें
हम जो डालें घास वो
ससुरा गधा भी न खाये

देखिये हम भी आ गये घास खाने


सुनीता(शानू)

Satyendra Prasad Srivastava said...

बहुत अच्छा। जीवन के पूरे दर्शन को आपने पेश कर दिया है।

रंजू भाटिया said...

very true and beautiful ,...

Anonymous said...

wonderfull and very true
gazal