
जिसका सम्बन्ध
मेरे चिन्तन से नहीं
मेरे मनन से नहीं
मेरे मौन से नहीं
मेरे कथन से नहीं
मेरे स्थगन से नहीं
मेरे चलन से नही
मेरे विरह से नहीं
मेरे मिलन से नही
मेरे दहन से नहीं
मेरे शमन से नहीं
मेरे जीवन से नहीं
मेरे मरण से नहीं
केवल साथ मेरे
वही मेरी परछाईं है
6 comments:
सच कहते हो मित्र
सप्रेम
संजय गुलाटी मुसाफिर
मोहिन्दर जी
आप बहुत भाग्यवान हैं कि आपके साथ एक परछाई है । भले ही परछाई है पर बहुत सुख मिलता है किसी के साथ
होने से । मेरे चलन से नही
मेरे विरह से नहीं
मेरे मिलन से नही
थोड़ी सी तुक बन्दी है पर अच्छी है ।
परछाई। जल्द ही शायद ऐसी तकनीक भी ईजाद हो जाए जो परछाई भी साफ़ कर दे।
मेरी टिप्पणी से भी नहीं.
--बढ़िया है.
मेरी टिप्पणी से भी नहीं.
ये बात पते की है!
और कोई हो न हो लेकिन मेरा साया साथ होगा !!
मेरे साथ !
Post a Comment