चंद गुलाव आप के लिये
तेरे होठों के मुकाबिल गुलाब क्या होगा
तू तो लाजबाब है तेरा जबाब क्या होगा
1 comment:
adwet
said...
बहुत ही सुंदर कविता। बधाई।।
June 9, 2010 at 11:59 AM
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बहुत ही सुंदर कविता। बधाई।।
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