चंद गुलाव आप के लिये

तेरे होठों के मुकाबिल गुलाब क्या होगा
तू तो लाजबाब है तेरा जबाब क्या होगा















1 comment:

adwet said...

बहुत ही सुंदर कविता। बधाई।।