शेर
नाजनीं तेरी महफ़िल से बेइन्तहा रोशनी की खबर आई
इक तरफ़ जलता परवाना दूसरी तरफ़ शम्मा नजर आई
1 comment:
रंजना
said...
वाह...वाह...वाह....बहुत बढ़िया...
June 24, 2010 at 5:37 PM
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वाह...वाह...वाह....बहुत बढ़िया...
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