किसी भी फ़िल्म की सफ़लता निर्भर करती है उसकी पटकथा, अभिनय, छायांकन और संगीत पर. हिन्दी फ़िल्म जगत में बहुत से ऐसे सपोर्टिंग आर्टिस्ट और अभिनेता अभिनेत्री हुये हैं जिन्होंने अपने अभिनय से हिन्दी सिनेमा को नये आयाम दिये हैं.
इस पोस्ट में हम हिन्दी सिनेमा की एक सशक्त डांसर और अभिनेत्री बिन्दू के बारे में चर्चा करेंगे और यू ट्यूब के माध्यम से एक बार फ़िर से उनकी कला पर नजर डालेंगे.
अभिनेत्री बिन्दू देसाई प्रसिद्ध फ़िल्म प्रोडूसर नानूभाई देसाई की पुत्री हैं. इनका जन्म गुजरात के एक गांव हनुमान भाग्डा जिला वल्साड में हुआ. इनकी सफ़लता का सफ़र आसान नहीं रहा. 13 वर्ष की आयु में ही इनके पिता जी का देहान्त हो गया और परिवार की सारी जिम्मेदारी इनके नन्हें कंधों पर आ गई. बिन्दू ने सबसे पहले फ़िल्म अनपढ (1962) में एक जवां कालेज गर्ल का रोल किया. फ़िल्म "इत्तेफ़ाक" और "दो रास्ते" से उन्हें आरम्भिक सफ़लता मिली.
इसके बाद शक्ति सामंत की फ़िल्म "कटी पतंग" में उन्होंने एक केबरे डांस "मेरा नाम है शबनम" से फ़िल्मी जगत में हलचल मचा दी. "इम्तिहान" और "हवस" फ़िल्में उनकी सफ़लता के अगले पडाव थे.
फ़िल्म हवस में उनका एक डांस आईटम "ये हवस क्या है तू न जानेगा" बहुत प्रसिद्ध हुआ. उन्होंने इस बात को झुठला दिया की शादीशुदा औरत हिन्दी फ़िल्म जगत में सेक्स सिम्बल नहीं बन सकती. "हैलन" और "अरुणा ईरानी" के साथ उन्होंने केबरे डांस और खलनायका के रोल को एक अनूठी ऊंचाई प्रदान की. वह सेक्स सिम्बल से कहीं अधिक हैं यह बात उन्होंने अपनी आने वाली फ़िल्मों "अभिमान", "चैताली", "अर्जुन पंडित" और "जंजीर" में सशक्त अभिनय कर साबित की. "जंजीर" की मोना डार्लिंग आज भी सबको याद है.
यह उनका दुर्भाग्य रहा कि 5'6" लम्बी, गोरी और सुन्दर नयन नक्श वाली होते हुये भी उन्हें कोई लीडिंग रोल आफ़र नहीं किया गया. दुर्भाग्यपूर्ण गर्भपात और डाक्टरों की सलाह पर उन्हें ग्लेमरस खलनायका की छवि को तिलांजली देनी पडी. परन्तु वह ज्यादा दिन तक फ़िल्मों से दूर नहीं रही और उन्हों "हीरो", "बीवी हो तो ऐसी" और "किशन कन्हिया" फ़िल्मों से अपने आप को क्रूर सास के रूप में स्थापित किया.
बिन्दू ने अपने बचपन के साथी और पडोसी चम्पक जावेरी से शादी की और उनकी कोई सन्तान नहीं है.
बिन्दू जी के कुछ फ़ोटोग्राफ़ जिनमे से एक उनके पति के साथ भी है इस लिन्क पर उपलब्ध हैं
बिन्दू देसाई जी का फ़िल्मी सफ़र
यू ट्यूब पर जाने के लिये नीचे बोल्ड किये लिन्कस पर क्लिक करें
उन्होंने तकरीबन 140 हिन्दी फ़िल्मों में अदाकारी निभाई जिनमे से कुछ यादगार निम्न हैं.
इत्तेफ़ाक(1969), कटी पतंग (1970), दास्तान (1972) , अभिमान (1973), गाय और गोरी (1973), जंजीर (1973) , हवस (1974) , इम्तिहान (1974) , अर्जुन पंडित (1976), शंकर दादा (1976) , राम कसम (1978) , लावारिस (1981), कर्मा (1986), बीवी हो तो ऐसी(1988), किशन कन्हिया (1990), आंखें (1993), हम आपके हैं कौन (1994), जुडवां(1997), एहसास इस तरह (1998), आंटी नं.1 (1998), बनारसी बाबू (1998), मेरे यार की शादी है (2002), मैं हूं ना (2004), ऒम शान्ति ऒम (2007), महबूबा (2008).
1 comment:
बहुत सुंदर जानकारी, अगर आप बता पाये की क्या चमपक जावेरी की यह दुसरी शादी थी तो मेहरबानी होगी, अगर हां तो जावेरी के पहली बीबी के क्या एक लडका था??
Post a Comment