एक तरबूज - अनेकोंनेक रूप... वाह भई वाह

यूं तो तरबूज से अभी परिचित हैं... गर्मीयों में राहत देने वाला एक फ़ल.. परन्तु क्या आप तरबूज के इस रूप से भी परिचित हैं....  निश्चय ही यह रूप उस रूप से भी ज्यादा लुभावना है.... देखिये और बताईये..... है कि नहीं ?












3 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

khobbsurat prastuti



चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना ( संग है आज मेरे सजन )12 -10 - 2010 मंगलवार को ली गयी है ...
कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया

http://charchamanch.blogspot.com/

आशीष मिश्रा said...

very nice....

मनोज कुमार said...

अद्भुत!