न पूछो कि मैं क्या किये जा रहा हूं
हैं पुराने कई गम जो दफ़ना रहा हूं
सांसें भी क्या हैं बस चले जा रही हैं
न जाने यूंही क्यों मैं जी जा रहा हूं
ये यादों का झोंका है क्या ले के आया
क्यों जख्मों को अपने मैं सहला रहा हूं
मर्जी से अपनी मैं कहां इस रास्ते पर
हालातों की आंधी में बस बहा जा रहा हूं
4 comments:
'ye yadon ka jhonka...........
..................sahla raha hoon '
umda sher..
हालातों की जगह हालात ठीक रहेगा...बहुवचन ही है...
पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
bahut khub . dil ko chu gaya .
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