शुक्रवार, १७ दिसम्बर की शाम, कनाट प्लेस का कोफ़ी होम और प्रसिद्ध गीतकार राकेश खण्डेलवाल जी से मिलन निश्चय ही एक सुखद अहसास था. यह कोई भीड भाड वाला ब्लोगर सम्मेलन नहीं था बस मन का मिलन था. उपस्थितों में थी सुनीता (शानू) चोटिया जिन्होंने इस मिलन की नींव रखी और मेजबान भी रही, प्रताप जी जिनसे मेरी पहली मुलाकात थी, शार्दुला नोगजा जो सिंगापुर में रहती हैं अपनी बेटी के साथ मौजुद थी ...हां वह राकेश जी की बहुत बडी फ़ैन हैं. शार्दुला जी की रचनाओं का स्वाद आप कविता कोश पर ले पायेंगे. इसके अलावा रंजना (रंजू) भाटिया जिन्हें संपूर्ण ब्लोग जगत जानता है और अजन्ता शर्मा जिन्हें आप इस लिंक पर पढ पायेंगे. http://ajantasharma.blogspot.com/ . शैलेश भारतवासी थोडे विलम्ब से इस मिलन में शामिल हुये.
एक खास बात यह थी कि प्रताप जी, शार्दुला जी और अजन्ता शर्मा बहुत ही मधुर और दिल में उतर जाने वाली आवाज के मालिक हैं और हमें इस मिलन के दौरान उनकी मधुर आवाज का आनन्द उठाने का अवसर प्राप्त हुआ.
जो कुछ भी इस सम्मेलन के दौरान हुआ उसका मोबाईल से ही रिकोर्डिंग कर पाया. काफ़ी हाऊस होने के कारण शोर काफ़ी था फ़िर भी जो कुछ हो सका आपके समक्ष परोस रहा हूं.
प्रताप जी की आवाज में सुनिये शिव द्वारा तारक नामक राक्षस वध से सम्बन्धित यह रचना
शार्दुला जी की मधुर आवाज में उनकी एक सशक्त कविता.
अजंता शर्मा की आवाज में उनकी ही लिखी एक गजल
राकेश जी ने भी अपनी रचनाओं में से कुछ गीतों के बोल सुनाये.
राकेशजी द्वारा ही कुछ और बोल
सुनीता जी और रंजू जी क्षमा कीजियेगा चूंकि रेकॉर्डिंग ऑफ एंड ओंन थी इस लिए हम लोग इस में नहीं आ पाए... अगली बार सही.
हाँ इस क्लिप में मेरे इलावा सभी हैं और सब की शरारत भी
3 comments:
बहुत बहुत बधाईयाँ। आभार।
यादगार बन गई यह मुलाकात आपकी रिकोर्डिंग करने से शुक्रिया मोहिंदर जी
कुछ तस्वीरें आपको भेजनी थीं उस दिन की, सो आपका ब्लॉग ढूँढ के आपका मेल ढूँढ लिया :) इसी बहाने आपकी पोस्ट पढ़ के फ़िर से उस अविस्मरणीय शाम को दोहरा लिया. आपको बहुत धन्यवाद उस दिन के स्वरों को यूँ संजोने के लिए... सादर शार्दुला
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