प्रीत नहीँ पर सिँगार अनूठे
देहोँ के यह हैँ बाजार अनूठेअंधकार है जहाँ सारा जीवन
खोजेँ वहाँ जीवन सँचार अनूठे
जीवन हीन हैँ व्यथित यहाँ पर
भावना शून्य हैँ पथिक यहाँ पर लाशेँ मोल भाव करेँ स्वँय का
इन गलियोँ के व्यापार अनूठे
बीज किसी का पौध किसी की
लहू किसी का धौँस किसी कीआँसू और मुस्कानोँ के मेले मेँ
यहाँ के देखे साहूकार अनूठे
1 comment:
waah, badi saralta se gehan bhaavon ko shabd diye hain
shubhkamnayen
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